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 Tejendra Kumar Singh

क्या है जैविक खेती कैसे प्रारंभ करें,जैविक खेती के लाभ।What is organic farming, how to start, benefits of organic farming.

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                               how to start organic farming

नमस्कार किसान भाइयों: kisan baba hindi news में आप का स्वागत है भाइयों आज इस लेख में आप जैविक खेती के बारे में जानने वाले हैं जैसे क्या है जैविक खेती,इसे शुरू कैसे करें?,इस खेती से लाभ क्या है? इन सभी प्रश्नों के उत्तर आप को इस लेख के माध्यम से मिल जायेंगे, हर बार की तरह इस बार भी मैं आप को बोलूंगा की लेख को पूरा अवस्य पढ़ें शेयर और हमें अपनी राय अवस्य भेजें।

सामान्य जानकारी:-

भारत में जैविक खेती:- भारत में जैविक खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र सरकार व राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं संचालित की जा रहीं हैं। इसकी खेती की शुरूआत के लिए सरकार की ओर से प्रशिक्षण प्रोग्राम भी चलाया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में प्रशिक्षित होकर के किसान भाई जैविक खेती से मालामाल हो रहे हैं। सरकार की भी मंशा है कि फसलों में कम से कम रासायनिक उर्बरकों व कीटनाशकों का  इस्तेमाल हो और खेती में जैविक खेती अपनाकर फसलों में प्राकृतिक खाद जैसे गोबर की खाद, केचुआ खाद का अधिक से अधिक उपयोग हो ताकि फसल से अच्छी पैदावार मिले और स्वास्थ्य के लिहाज से भी सुरक्षित हो और खेती लागत भी घटे, तो किसानों की आय में वृद्धि हो।

इन सब के बीच जैविक खेती (Organic farming) करने वाले किसानो के समक्ष एक सबसे जटिल समस्या यह है कि अपनी जैविक खेती के उत्पादन को कहाँ बेचेंगे, जिससे किसानों को उनकी फसल की उचित मूल्य मिल सके। किसानों की इस समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से आधुनिक जैविक खेती करने वाले किसानों के लिए वेबपोर्टल एवं एप की शुरूआत की गई है। इस पोर्टल पर किसान ऑनलाइन पंजीकरण कर अपने जैविक खाद को बेच सकते हैं। भारत में आज 25 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षत्रफल पर जैविक खेती फ़सलतापूर्वक की जा रही है। ऐसे में सरकार की ओर से शुरू किया गया पोर्टल एवं एप का लाभ जैविक खेती करने वाले मिसानो को मिल सकेगा,और किसानों की आमदनी में भी वृद्धि होगी

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वेबपोर्टल क्या है:- जैविक खेती को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने के लिए एमएसटीसी के साथ कृषि मंत्रालय की ओर से (DAC) की एक अनूठी पहल है। जैविक वेबपोर्टल एवं एप जैविक किसानों को अपने जैविक उत्पादन को बेचने और जैविक खेती व उससे प्राप्त लाभों को बढ़ावा देने देने के उद्देश्यों के लिए एक ही स्थान पर समाधान है। केंद्र सरकार ने किसानों द्वारा उत्पादित फसल को उपभोक्ता तक पहुचाने के लिए ऑनलाइन सेवा  (नीचे लिंक पर क्लिक करें) शुरू की गई है।

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https://www.jaivikkheti.in/hi

यहां पर खरीददारी व आपूर्ति करता या उत्पादन कर्ता एक ही स्थान पर व्यापार कर लाभ कमा सकते हैं। इसके अलावा आप अपनी फसल का भाव पर  सहमति कर सकते है इससे विचौलियों पर भी नकेल लगेगी।

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भारत में जैविक खेती:- सम्पूर्ण भारत में अभी तक 5 लाख किसानों ने पंजीकरण कराने में दिलचस्पी दिखाई है। इस आंकङों के अलावा 17854 किसान संगठनों ने नैविक उत्पादन बेचने हेतु पंजीकरण किया है। देश भर में जैविक खेती उत्पादन बेचने के लिए उत्तराखंड के किसानों के सबसे ज्यादा आवेदक पाये गए हैं। राज्य के 1 लाख 80 हजार 920 किसानों ने आवेदन किया है। इस प्रकार जैविक उत्पादन को बेचने के लिए 26 राज्यों के किसान  बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। सरकार किसानों को अपना उत्पादन बेचने की सहुलियत देने के उद्देश्य के लिए इस वेबसाइट को लॉन्च की है।

भारत में जैविक खेती बाजार:-

ज्ञात आँकड़ों के अनुसार भारत में अबतक 1 लाख 40 हजार 300 उत्पादों का पंजीयन कराया गया है। इस पोर्टल पर 8 हजार 753 खरीददरों ने इस वेबसाइट से जैविक उत्पाद खरीदने में रुचि दिखाई है। जैविक उत्पादकों के 80 आपूर्तिकर्ताओं ने भी पंजीकरण किया है। यदि आप एक किसान  हैं और जैविक उत्पादन बेचने को लेकर चिंतित हैं तो आप भी पंजीकरण कर अपने उत्पादों को बेच सकते हैं। इस पोर्टल पर देश के किसी भी राज्य के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

जैविक खेती का रजिस्ट्रेशन: जैविक उत्पाद बेचने के लिए इस वेबसाइट पर कराएं पंजीकरण:-जो किसान जैविक खेती कर रहे हैं या करने की योजना बना रहे हैं,ऐसे किसान अपने उत्पादों को बेचने के लिए इस वेबसाइट व एप पर पंजीकरण कराने अनिवार्य होगा। इस के लिए किसान के पास जैविक उत्पाद का प्रमाणपत्र होना आवश्यक है। इसके बाद किसान भाई जैविक खेती के पोर्टल वैबसाइट पर जाकर विक्रेता ऑप्शन पर क्लिक करना होगा, इसके बाल एक विन्डो खुलेगी इसमें 3 ऑप्शन होंगे, इन ऑप्शनों में व्यक्तिगत किसान, स्थानीय समूह, व एग्रीगेटर/प्रोसेसर का ऑप्शन आएगा। इस पॉपअप में अपनी सुविधानुसार चयन कर पंजीकरण करा सकते हैं।

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किसान भाई ऐसे प्राप्त करें जैविक खेती प्रमाणपत्र:- कोई भी किसान भाई जैविक खेती करता है या करने की सोच रहा है,तो ऐसे किसान को जैविक पंजीयन करा ही लेना चाहिए। क्योंकि जैविक पंजीयन ना होने से किसान को अपनी फसल का मूल्य वाजिब प्राप्त नहीं हो पाता और उसे अनुचित मूल्यों पर ही अपनी फसल बेचनी पड़ती है। इसके अलावा ग्राहक या व्यापारी को जानकारी देने के लिए आप के पास कोई ऐसा प्रमाण होना चाहिए जिससे यह प्रमाणित हो सके कि आप एक जैविक उत्पादक हैं,जैविक खेती करते हैं। इस कारण जैविक खेती करने वाले किसानों को अपना पंजीकरण अनिवार्य रूप से प्राप्त कर लेना चाहिए और जैविक खेती का प्रमाणपत्र प्राप्त कर लेना चाहिए। जो किसान जैविक खेती से प्रभावित है ऐसे किसान नीचे बताये गए तरीके से अपना पंजीकरण करा सकते हैं।

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जैविक खेती का प्रमाण पत्र प्राप्त करना:-

●- जैविक खेती करने वाले किसानों को अनुबन्ध एवं आवेदन पत्र निर्धारित प्रारूप 1 एवं 2 ऋण पुस्तिका की छायाप्रति के साथ अपनी ग्रामसभा को दो प्रतियों में प्रस्तुत करना होगा। इसकी एक प्रति ग्रामसभा को कृषि समिति की अनुसंसा सहित कृषि विकास अधिकारी को अग्रसरित की जाएगी।

●- ग्रामसभा की कृषि स्थाई समिति एक पृथक प्रारूप तैयार करेगी, इसमें प्रत्येक कृसक के लिए अलग-अलग पृष्ठ आवंटन किये जायेंगे, तथा आवेदन प्राप्त होने पर प्रविष्टियां पूर्ण की जायेंगी।

●- वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी विकास खण्ड स्तर पर जैविक खेती की पंजीयन साधारण निर्धारित प्रारूप 4 में करेंगे।

●- ग्रामसभा की समिति को यह दायित्व होगा कि वह फसल अवधि में प्रत्येक माह में एक बार फसल का अवलोकन करें, एवं जैविक खेती में अपनी टिप अंकित करें।

●- फसल बीने के उपरांत निरीक्षण विकास खण्ड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के द्वारा किया जाएगा।

●- यदि आप जैविक खेती के निर्धारण मापदंड, शर्तों व नियमों पर खरा उतरते हैं तो जैविक खेती का प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाएगा।

●- प्रमाणपत्र जारी करने के लिए कुछ शुल्क भी निर्धारित किया गया है जिसकी जानकारी आप अपने जिले के कृषि विभाग से प्राप्त कर सकते हैं।

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जैविक खेती के सिद्धांत/ क्या है जैविक खेती/कैसे प्रारम्भ करें/जैविक खेती से लाभ:- इस प्रकार की खेती के तहत किसी भी प्रकार की फसल उत्पादन में गोबर खाद, केचुआ खाद तथा अन्य तरह की जैविक खाद का उपयोग किया जाता है इसमें किसी भी प्रकार के रसायनों का उपयोग कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता है। इस तरह की खेती पूर्ण रूप से प्राकृतिक होती है। इसके उपयोग से उगाईं गयीं सब्जी या फसल काफी गुणवत्तापूर्ण होतीं हैं। पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के लिहाज से पूर्णतः सुरक्षित होती है। जैविक उत्पादों की बाजार में अत्यधिक माँग बनी रहती है। किसान भाइयों को इसकी कीमत भी काफी अधिक मिलती है।

जैविक खेती के लाभ / क्यों आवश्यक है जैविक खेती:- विश्व की निरन्तर बढ़ती हुई जनसंख्या, पर्यावरण प्रदूषण, भूमि की उर्बरा शक्ति का संरक्षण एवं मानव जाति के स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रकार की खेती से होने वाले लाभ निम्न प्रकार हैं--

1- जैविक खाद के उपयोग से खेत की गुणवत्ता में सुधार आता है। भूमि की जल धारण क्षमता में सुधार देखने को मिलता है।

2- जैविक खेती की विधि रासायनिक खेती की विधि की तुलना में अधिक का उत्पादन देती है। अर्थात जैविक खेती मृदा की उर्वरता शक्ति एवं फसल मि उत्पादकता बढ़ाने में पूर्णतः सहायक है। वर्षा आधारित क्षत्रों में जैविक खेती की विधि और अधिक लाभदायक सिद्ध होती है।

3- भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि होती है। सिचाई अंतराल में भी वृद्धि हिती है। रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होने से फसल लागत में भी कमी आती है।

4- भूमि की जलस्तर में सुधार होता है। मिट्टी, खाद ,पदार्थ भूमि में पानी के माध्यम से होने वाले प्रदूषण में कमी देखी गई है। कचरे का उपयोग खाद बनाने में प्रयोग होने से बीमारियों में कमी होती है। मिसानों की आय में वृद्धि।

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जैविक खेती से किसानो को नुकसान:- यह प्रकृति का नियम है जिससे फायदा होता है उससे कुछ ना कुछ नुकसान भी रहता है , जैविक खेती कैसे प्रारम्भ करे/जैविक खेती से लाभ/जैविक खेती का तरीका के इस भाग में इसके नुकसान के विषय में बात करेंगे इसे ध्यान से पढ़ना है।

A- इस तकनीक से की गई खेती में उत्पादन कम प्राप्त हो सकता है। जबकि रासायनिक उर्वरकों व खाद के इस्तेमाल से उत्पादन में बढ़ोत्तरी सम्भव है।

B- जैविक खेती के लिए आवश्यक भंडारगृह की कमी होने से जैविक उत्पाद जल्द खराब होने की संभावना बनी रहती है।

C- जैविक खेती करने से जहाँ के फायदे मिलते हैं, वही इसके कुछ नुकसान भी देखे गए हैं। जैविक खेती के लिए अधिक मजदूरों की आवश्यकता होती है। इससे इस तकनीक से कुछ हद तक लागत बढ़ जाती है।

D- देश की बढ़ती जनसंख्या की खाद्य पदार्थों की आवश्यकता को पूर्ण करना असम्भव है। इस में गुणवत्तापूर्ण उत्पादन जरूर प्राप्त होता है लेकिन उत्पादन कम होता है।

अन्य टैग:-

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अस्वीकरण: प्रिय किसान भाइयों यहां पर दी गई जानकारी केवल सूचनार्थ के उद्देश्य के लिए है, इसके लाभ-हानि का उत्तरदायित्व स्वयं आप का होगा किसान बाबा हिंदी न्यूज़ इसका जबावदेही नहीं होगा।

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