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 पपीते की व्यावसायिक खेती से किसान बनेंगे मालामाल।

Farmers will become rich by commercial cultivation of papaya

नमस्कार दोस्तों:किसान बाबा हिंदी न्यूज़ में आप का स्वागत है,आज के इस लेख से हम बताने वाले हैं कि पपीते की व्यावसायिक खेती से किसान किस तरह से मुनाफा कमा सकते हैं। तो बने रहिये हमारे साथ और इस पोस्ट को पूरा अवस्य पढ़ें।

पपीते की व्यावसायिक खेती

                                पपीते की व्यावसायिक खेती का तरीका

किसान भाइयों यदि आप पपीते की खेती करने की सोच रहे हैं तो यह निर्णय लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इससे आप अच्छा मुनाफा ले सकते हैं।पपीते की खेती से हर साल आप 10 लाख तक कि कमाई कर सकते हैं। जैसा कि पपीते के औषधीय गुणों के कारण इसकी बाजार मांग भी अधिक रहती है और रेट भी काफी उच्च मिलना तय है।

पपीते की व्यावसायिक खेती से किसान बनेंगे मालामाल।जानिए साल में आप 10 लाख तक की कमाई कैसे कर सकते हैं।

पपीता कम अवधि के अंतर्गत फल देने वाला पौधा है। इसलिए इसकी खेती हर किसान के लिए फायदेमंद हो सकती है। पपीते को सरलता से उगाये जाने वाला पौधा है। पपीते में कई प्रकार के स्वास्थ्य हेतु गुण पाये जाते । पके हुए पपीते का सेवन करने से पुरानी से पुरानी कब्जियत को दुरुस्त किया जा सकता है।

1-पपीते की खेती के लिए जलवायु:-पपीते की अच्छी पैदावार के लिए वहां की जलवायु पर निर्भर करती है वैसे पपीते के लिए गर्म नमीयुक्त जलवायु का होना उपयुक्त रहता है। इसकी फसल के लिए 40 % तक का तापमान वाली भूमि में इसकी खेती आसानी से की जा सकती है। वही इसकी खेती के लिए न्यूनतम तापमान की बात की जाए तो 8 से 10 %तक का न्यूनतम तापमान उचित रहता है। तापमान अधिक गिरने पर इसकी खेती के लिए अच्छा नहीं होता है। शीत ऋतु की लहर को रोकने के लिए उत्तर से पश्चिम की ओर पेड़ लगा देने चाहिए, जिससे हवा का बचाओ किया जा सके।पाला इसकी खेती के लिए दुश्मन का काम करता है इसके लिए खेत को पानी देते रहना चाहिए।

"पपीते की व्यावसायिक खेती से किसान बनेंगे मालामाल"।

2-पपीते की अच्छी खेती के लिए भूमि का चयन करना:-वैसे तो पपीते की खेती किसी भी उपजाऊ भूमि में आसानी से की जा सकती है। फिर भी अच्छी जल निकासी वाली भूमि उपयोगी माना जाता है। जिस भूमि में जल भराव हो वहां पर पपीते की खेती से नुकसान हो सकता है। पपीते में रोग लगने का प्रकोप बना रहता है।

3-पपीते की खेती के लिए भूमि की तैयारी करने:- जिस खेत में आप पपीते की खेती करने जा रहे हैं उस खेत को सर्वप्रथम पलटा हल से एक जुताई कर देनी चाहिए अच्छी तरह जुताई कर देने के बाद 2 मीटर गहरा व 2 मीटर चौड़ा गड्डा खोदना होता है, इस गड्ढे में 15 को गोबर की खाद .5 ग्राम सुपर फास्फेट 200 ग्राम पोटाश मिट्टी में मिलाकर गड्ढे में पौधा लगाने से पहले अवस्य डालें।

"पपीते की व्यावसायिक खेती से किसान बनेंगे मालामाल"

4-पपीते की उन्नत किस्में:-खेती में किसी भी फसल की पैदावार की बात की जाए तो सबसे पहले बीज का अच्छा होना अति आवश्यक होता है। बीज अच्छा होगा तो पैदावार भी अच्छी ही मिलेगी यहां कुछ पपीते की किस्मों के बारे में जानकारी दी जा रही है जो इस प्रकार है--

सिलोन, पूसा नन्हा, पूसा मेजस्टी,पूसा डेलिशियस, सोलो,कोयम्बटूर, हानीड्यू, पूसा जाइंट पपीते की प्रमुख किस्में हैं।

5-पपीते की पौध के लिए बीज की दर:-पौध तैयार करने के लिए अच्छे किस्म के बीजों की आवश्यकता होगी एक एकड़ खेत के लिए अधिकतम 500 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। पपीते के पौधों को बीज के द्वारा ही तैयार किये जाते हैं। एक एकड़ खेत में 2000 के लगभग पौधे लगाए जा सकते हैं।

6-पपीते की पौध तैयार करना:-पपीते की पौध तैयार करने के लिए भूमि की सतह से 10 सेंटीमीटर की ऊँचाई पर मेड बनानी होती हैं,इस मेंड़ अथवा कतार से कतार की दूरी 10 से 12 सेंटीमीटर की रखनी चाहिए तथा बीज से बीज की दूरी 4 से 5 सेंटीमीटर की होनी चाहिए। बीज को भूमि में 4 सेंटीमीटर से अधिक गहराई पर नहीं बोना चाहिए। जब पपीते के पौधे 25 सेंटीमीटर लम्बे होने पर इन्हें एक गड्ढे में दो पौधे लगाने चाहिए।

7-पौध को पॉलीथिन में तैयार करने की विधि:-पपीते पौध को पॉलीथिन में तैयार करने के लिए 10 सेंटीमीटर चौड़े मुहूं वाली 30 सेंटीमीटर लम्बी छेद वाली पॉलिथीन की आवश्यकता होगी। इन थैलियों में गोबर की खाद मिट्टी मिलाकर थैली में भर देना चाहिए। इसके बाद एक थैली में 2 बीज अवस्य डालने चाहिए। मिट्टी में पर्याप्त नमी बनी रहनी  चाहिए। जब पौधे 18 से 20 सेंटीमीटर लम्बे होने पर धार दार औजार से काटकर निकाल देना चाहिए। पौधे निकालने के बाद सीधे गड्ढे में गला देने होते हैं।

8-पपीते मि खेती में खाद व उर्बरक की मात्रा:-अन्य फसलों की भांति पपीते की खेती में भी खाद व उर्बरक की आवश्यकता होती है इसके लिए प्रत्येक पौधे के।लिए एक वर्ष में 200 ग्राम नत्रजन,200 ग्राम यूरिया 300 ग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है। इस उर्बरक को 5 बराबर भागों में बाँट कर 2 से 3 माह के अंतराल पर पौधों को देना चाहिए तथा समय से सिचाई करते रहना चाहिए। ध्यान देना चाहिए कि नर पौधों को पहचान कर उन्हें फेकना होता है खाद नहीं देना चाहिए। 

                          पपीते की व्यावसायिक खेती का तरीका

9-पपीते की फसल से नर वृक्ष को हटाना:-पपीते की फसल में नर पौधों की भी अपनी विशेषता होती है इस नर पौधों के 4 से 6 पौधों को छोड़कर अन्य पौधों को पहचान कर अलग कर देना चाहिए,इस पौधों में फल नहीं आते है और अन्य पौधे भी प्रभावित हिट हैं।

10-पपीते के खेत में निराई गुड़ाई करना:-पपीते के खेत में अन्य झाड़ियों की भरमार न हो इसके लिए खेत में समय समय पर निराई व गुड़ाई करते रहना चाहिए,ऐसा करते रहने से इसके पौधों पर छोटे पपीते अच्छी तरह से लगने लगते हैं और पैदावार में भी वृद्धि देखने को मिलती है।

11-पपीते के खेत में सिचाई करना:-पपीते के खेत में समय समय पर सिचाई करते रहना चाहिए। गर्मी के मौसम में 10 दिनों के अंतराल पर सिचाई करें। शर्दी के मौसम में 15 से 20 दिनों के अंतराल पर सिचाई करते रहना चाहिए।

"पपीते की व्यावसायिक खेती"

12-पपीते से फलों को तोड़ना:-पपीते की अतिशीघ्र फल देने वाली फसल है।पौधे लगाने के 10 से 11 माह बाद पौधों से फल तोड़ने होते ,इस समय फलों का रंग हरे से पीले रंग का होने लगता है। फल में दाग लगाने पर दूध के स्थान पर पानी निकलने लगता है,इस अवस्था में फल पककर तैयार हो जाता है। इस समय फल को पौधे से तोड़ कर अलग कर लेना चाहिए।

                         पपीते की व्यावसायिक खेती का तरीका

"पपीते की व्यावसायिक खेती"

13-उपज व लाभ:-यदि पपीते की खेती की नियमित देखभाल की जाए तो इसमें अच्छा मुनाफा अर्जित किया जा सकता है सामान्य अवस्था में एक एकड़ खेत से 17 से 20 टन का उतपादन प्राप्त किया जा सकता है। यदि पपीते की कीमत 1500 रु प्रति कुन्तल की प्राप्ति से मुनाफा अच्छा मिल जाता है।

"Kisan baba hindi news


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